सेना, एनडीआरएफ के साथ ग्रामीण खुद भी जुटे
कई प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण खुद बांध मजबूत करने और बचाव कार्यों में जुटे हैं, वहीं प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ राहत और रेस्क्यू में लगे हुए हैं। इस बीच, पटियाला, बरनाला, फाजिल्का और नवांशहर में जिला उपायुक्तों ने लोगों को अलर्ट जारी किया है और सेना की मदद भी मांगी गई है। हालात का जायजा लेने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गुरुवार (4 सितंबर) को पंजाब दौरे पर आ रहे हैं।
बाढ़ की चपेट में आए पंजाब के 1655 गांव
राज्य के 1655 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। अमृतसर के 390, गुरदासपुर के 324, बरनाला के 37, बठिंडा के 13, फिरोजपुर के 111, होशियारपुर के 121, कपूरथला के 178, लुधियाना के 216 और मानसा के 114 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसके अलावा पटियाला में 29, रूपनगर में 3 और तरनतारन में 70 गांव पानी में घिरे हुए हैं।
पंजाब के साथ खड़े होने का है ये समय
इसी बीच आपदा की इस घड़ी में पंजाब के राजनीतिक दल एकजुट होना शुरू हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग बुधवार को लुधियाना पहुंचे। वड़िंग ने सर्किट हाउस में कांग्रेसियों के साथ बैठक की और प्रेस कान्फ्रेंस का भी आयोजन किया। इस अवसर पर वड़िंग ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि बिना समय गवाए लोगों की मदद में जुट जाने का है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह आदेश दिए की वे बिना समय गवाएं बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा करें। उन्होंने आज 5 सदस्यों की लुधियाना में कमेटी भी बनाई है, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में कांग्रेसियों के अलग-अलग जत्थों को सेवा करने भेजेगी।
