उन्होंने कहा कि पंजाब में आई बाढ़ के कारण हजारों गांव प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में तत्काल राहत कार्यों की आवश्यकता है। बाढ़ के कारण गांवों में जमा हुआ मलबा, गारा और मृत पशुओं का तुरंत निस्तारण आवश्यक है, साथ ही पंचायतों के बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की मरम्मत भी करवाई जानी है।
उन्होंने कहा कि बहुत सी पंचायतों के पास उनकी जमीन अधिग्रहीत होने के कारण करोड़ों रुपये की राशि बैंकों में एफ.डी. (फिक्स्ड डिपॉजिट) के रूप में जमा है। यदि पंचायतें इन फंडों में से कुछ राशि बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत कार्यों के लिए देती हैं, तो यह कदम बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए मानवतावादी आधार पर एक महत्वपूर्ण पहल होगी और बाढ़ पीड़ित लोगों के प्रति हमदर्दी व्यक्त करेगा।
उन्होंने अपील की कि इस उद्देश्य के लिए पंचायतें अपनी जमीन अधिग्रहण के एवज में प्राप्त राशि की एफ.डी. में रखी गई रकम में से मूल राशि का 5 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ राहत कार्यों के लिए दें।
